मोहल्ले में वो अभी थी आई रोज़ दीदार भी करते थे हम वो भी तिरछी नज़र से देखे । मोहल्ले में वो अभी थी आई रोज़ दीदार भी करते थे हम वो भी तिरछी नज़र से दे...
क्या लॉक डाउन के वक्त के कायदे बताऊं मैं? क्या लॉक डाउन के वक्त के कायदे बताऊं मैं?
जहा दौड़ते थे सरपट पहिए कभी आज वहाँ मंद तीव्र चल रहे हैं, कदम गरीब के। जहा दौड़ते थे सरपट पहिए कभी आज वहाँ मंद तीव्र चल रहे हैं, कदम गरीब के।
कब तलक हम तेरे वादे का यूँ ही इंतजार करते रहेंगे ! कब तलक हम तेरे वादे का यूँ ही इंतजार करते रहेंगे !
न जाने इंटरनेट स्लो था या मैं, जो अनमना सा, खुली आँखों से सो गया न जाने इंटरनेट स्लो था या मैं, जो अनमना सा, खुली आँखों से सो गया
मौत की सड़क चले हैं मुर्ख नहीं ना दिलेर हैं मजबूर ये मजदूर हैं। मौत की सड़क चले हैं मुर्ख नहीं ना दिलेर हैं मजबूर ये मजदूर हैं।